अपवाह तंत्र किसे कहते हैं, Bharat Ke Apavaah Tantr, भारत के अपवाह तंत्र को कितने भागों में बांटा गया है, हिमालय अपवाह तंत्र नदिया, apavaah tantr kise kahate hain, bhaarat ke apavaah tantr ko kitane bhaagon mein baanta gaya hai, himaalay apavaah tantr, apavaah tantr ke prakaar, bhaarat ka apavaah tantr pdf, apavaah tantr nots, apavaah evan apavaah tantr ko samajhaie, अपवाह तंत्र के प्रकार, भारत का अपवाह तंत्र PDF, अपवाह तंत्र नोट्स नदिया, अपवाह एवं अपवाह तंत्र नदिया को समझाइए, भारत के अपवाह तंत्र नदिया, भारत की नदिया,
अपवाह प्रणाली के आधार पर भारतीय नदियों को दो भागों में बांटा गया है, भारत के अंदर कई प्रकार के अपवाह तंत्र पाए जाते है, जिन सभी के बारे मे आज आप को सभी जानकारी नीचे बताया गया है, Bharat Ke Apavaah Tantr प्रणाली को किस प्रकार से विभाजित किया गया है, bhaarat ke apavaah tantr ko kitane bhaagon mein baanta gaya hai अपवाह तंत्र प्रणाली के आधार पर भारत की नदियों को दो भागे मे विभाजित किया गया है, जिन के बारे मे सभी जानकारी नीचे दी गई है।
Bharat Ke Apavaah Tantr Nadia
लेटेस्ट सरकारी नोकरी नोटिफिकेशन यहा से करे डावनलोड-

सरकारी लेटेस्ट योजना के बारे मे जानकारी यहा से देखे-
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें: यहां क्लिक करें
भारत की नदिया के प्रकार (Bharat Ke Apavaah Tantr Nadia)
- हिमालय से निकलने वाली नदियां
- प्रायद्वीपीय भारत की नदियां
भारत के हिमालय से निकलने वाली नदियां अपवाह तंत्र
भारत के हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदिया को कई भागों मे बंता जा सकता है, Bharat Ke Apavaah Tantr Nadia हिमालय से निकलने वाली नदियों को 3 तंत्रों में बांटा जा सकता है, जिन सभी नदियों तंत्र को नीचे विस्तार से बंता गया है, apavaah evan apavaah tantr ko samajhaie इन सभी नदियों के बारे मे जानकारी देखे।
- सिंधु नदी तंत्र
- गंगा नदी तंत्र
- ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
सिंधु नदी अपवाह तंत्र (Indus River Drainage System)
Bharat Ke Apavaah Tantr Nadia सिंधु नदी अपवाह तंत्र में सिंधु व उसकी सहायक नदियां को शामिल किया गया है, सिंधु नदी अपवाह तंत्र के अंदर सिद्धू की सभी सहायक नदियों को सामील किया गया है, जिन सभी को मिलकर अपवाह तंत्र का निर्माण हुआ है, जो सभी नदियों के बारे मे नीचे दिया गयहा है।
सिंधु नदी (अपवाह तंत्र)
Bharat Ke Apavaah Tantr Nadia सिद्धू नदी का उद्गम तिब्बत के पठारी क्षेत्रों में बुक है जो हिमनद से होता है तिब्बत के पठार क्षेत्रों में प्रवाहित होने के पश्चात यह नदी भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में प्रवेश करती है जम्मू कश्मीर राज्य में लद्दाख बरदास कर श्रेणियों के मध्य से प्रवाहित होती हुई पाकिस्तान में प्रवेश करती है और अंत में पाकिस्तान में प्रवाहित होती अरब सागर में समाप्त हो जाती है सिद्धू नदी की कुल लंबाई 2880 किलोमीटर जबकि भारत में यह नदी 1114 किलोमीटर में प्रवाहित होती है, (Bharat Ke Apavaah Tantr Nadia)
सिंधु नदी की सहायक नदियां
सिंधु नदी की प्रमुख सहायक नदियों में चिनाब नदी को शामिल किया जाता है,चिनाब नदी, झेलम नदी, रावी नदी, सतलुज नदी, व्यास नदी, सभी नदिया चिनाब नदी की सहायक नदी है, जिन को चनाब अपवाह तंत्र मे सामील किया गया है।
चिनाब नदी अपवाह तंत्र (Chenab River Drainage System)
इस नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश में बरलचला दर्रे के निकट चंद्रभागा नदी है, (Bharat Ke Apavaah Tantr Nadia) उसके महीने से होता है हिमाचल प्रदेश में बहने के पश्चात या नदी जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान में प्रवाहित होती हुई पाकिस्तान में यह नदीम मिठानकोट नामक स्थान पर सिंधु नदी में मिल जाती है चिनाव नदी के उत्तर दिशा से हटाए दिशा से मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियां झेलम नदी है
झेलम नदी अपवाह तंत्र (Jhelum River Drainage System)
Jhelum River Drainage System इस नदी का उद्गम भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में बेरीनाग झरने के निकट शेषनाग से होता है जम्मू कश्मीर में श्रीनगर में स्थित हुल्लर झील को जल देने के पश्चात पाकिस्तान में जाकर यह नदी चिनाब नदी में मिल जाती है झेलम नदी भारत में पाकिस्तान की सीमा पर बहने वाली एकमात्र नदी है झेलम नदी जम्मू कश्मीर राज्य में तुलबुल परियोजना निर्मित है।
रावी नदी अपवाह तंत्र (Ravi River Drainage System)
Ravi River Drainage System इस नदी का उद्गम भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में रोहतांग दर्रे के निकट से होता है हिमाचल प्रदेश पंजाब और पाकिस्तान में प्रवाहित होते हुए पाकिस्तान में यह नदी चिनाब नदी में मिल जाती है रावी नदी पर पंजाब राज्य में राणा रणजीत सागर बांध थीन बांध का निर्माण किया गया है रावी नदी पीर पंजाल धौलाधार के मध्य से प्रभावित होती है
सतलुज नदी अपवाह तंत्र (Sutlej River Drainage System)
Sutlej River Drainage System इस नदी का उद्गम के पठारी क्षेत्र में मानसरोवर झील के निकट रख ताल से होता है तिब्बत के पठारी भाग में प्रवाहित होने के बाद यह नदी भारत में शिपकिला दरें के माध्यम से भारत के हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है सतलुज नदी पर हिमाचल प्रदेश में नाथपा झाकरी परियोजना तथा पंजाब राज्य में भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण किया गया है सतलज नदी की प्रमुख सहायक नदी व्यास नदी है
व्यास नदी अपवाह तंत्र (Beas River Drainage System)
Beas River Drainage System इस नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे के निकट या स्कूल से होता है हिमाचल प्रदेश में पंजाब में प्रवाहित होने के पश्चात यह नदी पंजाब के कपूरथला नामक स्थान पर सतलज नदी में मिल जाती है व्यास नदी पर हिमाचल प्रदेश राज्य में बांध व्यापार बांध का निर्माण किया गया है,
Note: सिंधु नदी समझौता के अनुसार तीन नदियों का पानी पाकिस्तान उपयोग करेगा की नदियों का पानी भारत उपयोग करेगा पाकिस्तान की तीन अज्ञात सिंधु झेलम चुनाव तथा भारत की 3 नदियां रावी व्यास व सतलज है
गंगा नदी तंत्र अपवाह तंत्र/ उद्गम स्थान (Ganges River System Drainage System)
Bharat Ke Apavaah Tantr Nadia गंगा नदी अपवाह तंत्र में गंगा नदी में उसकी सहायक नदियों को शामिल किया जाता है, जो की सभी नदियों का विस्तार नीचे सभी अपवाह तंत्र के बारे मे बताया गया है, जिन के बारे मे अपवाह तंत्र की जानकारी देखे।
गंगा नदी का निर्माण अलकनंदा नदीऔर भागीरथी नदी दोनों के मिलने से होता गंगा नदी का निर्माण किया जाता है, गंगा नदी का अपवाह तंत्र कर बारे मे जानकारी नीचे दी गई है।
- अलकनंदा नदी
- भागीरथी नदी
अलकनंदा नदी अपवाह तंत्र (Alaknanda River Drainage System)
इस नदी का उद्गम दो नदियों के मिलने से होता है धौलीगंगा व विष्णु नदी के दोनों नदियों का उद्गम उत्तराखंड राज्य में बद्रीनाथ के निकट संतो पथ ग्लेशियर से होता है यह दोनों नदियां उत्तराखंड राज्य विष्णुप्रयाग नामक स्थान पर जाकर आपस में मिलकर अलकनंदा नदी का निर्माण करती है
भागीरथी नदी अपवाह तंत्र (Bhagirathi River Drainage System)
इस नदी का उद्गम उत्तराखंड राज्य में गंगोत्री के निकट गोमुख ग्लेशियर से होता है उत्तराखंड राज्य में प्रवाहित होने के पश्चात उत्तराखंड राज्य के देवप्रयाग नामक स्थान पर अलकनंदा नदी में मिल जाती है और अलकनंदा और भागीरथी मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है
गंगा नदी
अलकनंदा और भागीरथी मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है गंगा नदी उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड के पश्चिम बंगाल में बहने के पश्चात पश्चिम बंगाल में गंगा नदी को दो शाखाओं में विभक्त होती है इसकी एक शाखा पश्चिम बंगाल में ही समाप्त हो जाती है जिसे पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के नाम से जाना जाता है इसकी दूसरी शाखा बांग्लादेश में प्रवेश करती है जिसे बांग्लादेश में पदमा के नाम से जाना जाता है पद्मा नदी बांग्लादेश में जाकर जमुना नदी में मिलकर पद्मा नदी का निर्माण करती ह गंगा नदी की कुल लंबाई 25 25 किलोमीटर है
गंगा नदी की सहायक नदियां (Tributaries of river Ganges)
गंगा नदी की कुल 9 सहायक नदियां हैं निम्नलिखित
गंगा नदी के बाएं ओर से मिलने वाली सहायक नदियां (Tributaries from the left side of the river Ganga)
- रामगंगा गंगा नदी
- गोमती गंगा नदी
- घाघरा गंगा नदी
- गंडक गंगा नदी
- कोसी गंगा नदी
- महानंदा गंगा नदी
गंगा के दाएं और से मिलने वाली नदियां (Rivers from the right side of the Ganges)
- यमुना गंगा नदी
- सॉन्ग गंगा नदी
- पुनपुन गंगा नदी
रामगंगा नदी उद्गम स्थान
इस नदी का उद्गम झारखंड राज्य में नामिक ग्लेशियर से होता है यह नदी उत्तराखंड राज्य की जिम कार्बेट नेशनल पार्क से प्रवाहित होती है यह भारत का पहला नेशनल पार्क है जो उत्तराखंड राज्य में नैनीताल में स्थित है उत्तराखंड राज्य में इस नदी पर रामगंगा बांध बना हुआ है
गोमती नदी उद्गम स्थान
इस नदी का उद्गम उत्तर प्रदेश में गोमट ताल से होता है उत्तर प्रदेश में लखनऊ जौनपुर नगरों से प्रवाहित होने के पश्चात उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में मिल जाता है
घाघरा नदी उद्गम स्थान
इस नदी का उद्गम तिब्बत के पठारी भाग में मानसरोवर झील के निकट से होता है तिब्बत के पठारी भाग में प्रवाहित होने के पश्चात नेपाल उत्तर प्रदेश बिहार में बहने के पश्चात बिहार में छपरा नामक स्थान पर गंगा नदी में मिल जाती है घाघरा की प्रमुख सहायक नदी राप्ती व सरयू नदी है सरयू नदी पुर उत्तर प्रदेश का अयोध्या नगर स्थित है
गंडक नदी उद्गम स्थान
इस नदी का उद्गम तिब्बत के पठारी भाग से होता है तिब्बत के पठारी भाग में बहने के पश्चात नेपाल में बिहार में प्रवेश किया था बिहार के हाजीपुर में सोनपुर में ग्राम तथा वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान से प्रवाहित होने के पश्चात बिहार के पटना के निकट गंगा में मिल जाती है गंडक नदी पर नेपाल देश में गंडक परियोजना निर्मित है जो भारत में नेपाल के मध्य विवादित है
कोसी नदी उद्गम स्थान
इस नदी का उद्गम तिब्बत के पठारी भाग में हिमाचल पर्वत श्रंखला से होता है यहां से बहने के पश्चात नेपाल में बिहार में बहती हुई बिहार के पटना के निकट गंगा में मिल जाती है उस नदी को बिहार का शोक कहा जाता है
महानंदा नदी उद्गम स्थान
इस नदी का उद्गम पश्चिम बंगाल राज्य में हिमाचल पर्वत श्रंखला से होता है महानंदा नदी गंगा नदी के बालों से मिलने वाली सबसे अंतिम नदी है
गंगा नदी के दाई और से मिलने वाली नदियां
यमुना नदी उद्गम स्थान
पुणे पुणे पुणेइस नदी का उद्गम उत्तराखंड में यमुनोत्री के निकट अंदर पुरुष की पहाड़ियों से होता है उत्तराखंड में बहने के पश्चात दिल्ली हरियाणा में उत्तर प्रदेश के मथुरा आगरा नगरों से बहने के पश्चात उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद कानपुर गंगा में मिल जाती है यह नदी गंगा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है इसकी लंबाई 1376 किलोमीटर है
सोन नदी उद्गम स्थान
इस नदी का उद्गम सतपुड़ा पर्वतमाला में महादेव में काल श्रेणी के अंतर्गत अमरकंटक चोटी से होता है उत्तर प्रदेश में इस नदी में रिहंद नदी आकर मिलती है रिहंद नदी पर रिहंद परियोजना निर्मित की गई है
पुनपुन नदी उद्गम स्थान
इस नदी का उद्गम छोटे नागपुर की पठारी भाग में झारखंड राज्य के पलामू जिले से होता है झारखंड में बिहार में बहने के पश्चात बिहार के पटना के नेट गंगा नदी में मिल जाती है
ब्रह्मपुत्र नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Brahmaputra River System Source/Drainage System)
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र में ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों को शामिल किया जाता है ब्रह्मपुत्र नदी हिमालय के उत्तर में तिब्बत पठार पर मानसरोवर झील के निकट एवम्मा यूंगयूंग हिमनद से निकलती है और हिमालय के साथ-साथ पूर्व दिशा की ओर प्रवाहित हो जाती है ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम स्थल पर सांगपो नदी के नाम से जाना जाता है,
ब्रह्मपुत्र नदी हिमालय की सबसे पूर्वी चोटी नामचा बरवा चौकी के समीप अरुणाचल प्रदेश में वृहद हिमालय को काटकर एक गहरे गार्ज का निर्माण करते हैं जिसे दीवानगंज के नाम से जाना जाता है बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी को जमुना के नाम से जाना जाता है जमुना नदी बांग्लादेश में पद्मा नदी से मिलकर पद्मा नदी का निर्माण करती है और बांग्लादेश में पद्मा नदी मेघना नदी में मिलकर मेघना नदी का निर्माण करती है तथा मेघना अंत में बंगाल की खाड़ी में जाकर समाप्त हो जाती
ब्रह्मपुत्र नदी की प्रमुख सहायक नदियां (Major Tributaries of Brahmaputra River)
ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदिया जो की नीचे समझाया गया है, और ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र के बारे मे भी निम्न जानकारी नीचे दी गई है, जिन के भरे मे जानकारी देखे निम्नलिखित सहायक नदियां है,
- दबंग
- लोहित
- तीस्ता
- मानस
- धंशीरी
- सुबंशीरी
तीस्ता नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Teesta River Origin/Drainage System)
इस नदी का उद्गम सिक्किम राज्य हिमालय पर्वतमाला के अंतर्गत चिंपू ग्लेशियर से होता है इसके पश्चात या नदी पश्चिम बंगाल बांग्लादेश में प्रवाहित होने के पश्चात बांग्लादेश में या नदी जमुना नदी में मिल जाती है तीस्ता नदी पर पश्चिम बंगाल राज्य में तीस्ता परियोजना निर्मित है यह परियोजना भारत में बांग्लादेश के मध्य विवादित है।
प्रायद्वीपीय भारत की नदियां उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Rivers of Peninsular India Origin/Drainage System)
प्रायद्वीपीय भारत की नदियों को दो भागों में बांटा जा सकता है जो इस प्रकार है
- बंगाल की खाड़ी के प्रवाह से निकलने वाली नदियां
- अरब सागर के प्रवाह से निकलने वाली नदियां
दामोदर नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Damodar River Origin/Drainage System)
इसका उद्गम झारखंड राज्य में छोटा नागपुर के पठारी भाग से होता है छोटा नागपुर के पठारी भाग के बीचो बीच में पूर्व दिशा की ओर प्रवाहित होती हुई पश्चिम बंगाल राज्य में गंगा की एक शाखा हुगली नदी में मिल जाती है पश्चिम बंगाल को दामोदर नदी का शोक कहा जाता है
स्वर्णरेखा नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Subarnarekha River Origin/Drainage System)
इसका उद्गम झारखंड की राजधानी रांची के पास से होता है तथा झारखंड पश्चिम बंगाल उड़ीसा में प्रवाहित होने के पश्चात उड़ीसा के तट पर अपना मुहाना बनाती है झारखंड राज्य का जमशेदपुर नगर किस नदी के किनारे स्थित है जमशेदपुर में लोहा इस्पात उद्योग का प्रमुख कारखाना TISO स्थित है झारखंड राज्य में स्वर्ण रेखा नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है
वैतरणी नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Styx River Origin/Drainage System)
इस नदी का उद्गम उड़ीसा के क्योंझर पठार से होता है और उड़ीसा में ही समाप्त हो जाती
ब्राह्मणी नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Brahmani River Origin/Drainage System)
इस नदी का उद्गम झारखंड राज्य में रांची के पास से होता है और उड़ीसा के तट पर अपना मुहाना बनाती है 3 नदियां छोटा नागपुर के पठार बाग में प्रवाहित होती है दामोदर स्वर्णरेखा तथा ब्राह्मणी जबकि वितरण नदी उड़ीसा की प्रमुख नदी है
महानदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Mahanadi Origin/Drainage System)
इस नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ में रायपुर के निकट सिहावा की पहाड़ियों से होता है छत्तीसगढ़ उड़ीसा में प्रवाहित होने के पश्चात उड़ीसा राज्य में कटक के पास अपना डेल्टा बनाती है यह नदी छत्तीसगढ़ राज्य में एक और कोटरी के आकार की बेसन का निर्माण करती है इस बेसिन में चावल की खेती की जाती है इसलिए छत्तीसगढ़ को भारत का चावल का कटोरा कहा जाता है हीराकुंड बांध भारत का सबसे लंबा बांध है इसकी न्यूनतम लंबाई 4 पॉइंट 5 किमी है इस नदी की कुल लंबाई 851 मीटर है इसकी प्रमुख सहायक नदियां ईब नदी मंद नदी हसदो नदी शिवनाथ नदी तेल नदी अंग नदी
गोदावरी नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Godavari River Origin/Drainage System)
इस नदी का उद्गम महाराष्ट्र राज्य में नासिक के निकट 133 केसर की पहाड़ियों से होता है यहां से महाराष्ट्र के नासिक जन्नत डेड नगरों से प्रवाहित होने के पश्चात तेलंगाना आंध्र प्रदेश में पहने के पश्चात आंध्र प्रदेश में राजमुद्र के निकट अपना डेल्टा बनाती है भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है बाद में दूसरे सबसे बड़े अपवाह तंत्र का निर्माण करने वाली नदी है गोदावरी नदी को बुद्धि गंगा या वृहद गंगा भी कहा जाता है गोदावरी के उत्तर दिशा से अर्थात बाई ओर से मिलने वाली नदियां निम्नलिखित है, प्रवरा, पूर्णा, वैनगंगा, पेन गंगा, प्राणहिता इंद्रावती
गोदावरी की दक्षिण दिशा से अर्थात भाइयों से मिलने वाली नदियां निम्नलिखित हैं
- मंजीरा
- कृष्णा नदी
- कृष्णा नदी की सहायक नदियां: तुम भद्र नदी, कियेना, बीमा, मौसी, घटप्रभा, माल प्रभा, दूध गंगा, पंचगंगा
- पेन्नार नदी
- कोवरी नदी
- वैगई नदी
- ताम्रपर्णी नदी
अरब सागर के प्रवाह से निकलने वाली नदियां (Rivers flowing out of the Arabian Sea)
अरब सागर के प्रवाह से निम्नलिखित नदियां निकलती है, जिन सभी नदियों के बारे मे नीचे बताया गया है, अभियार्थी नीचे दी गई सभी नदियों के बारे मे जानकार ले सकता है।
नर्मदा नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Narmada River Origin/Drainage System)
इस नदी का उद्गम सतपुड़ा पर्वतमाला में महादेव व में काल श्रेणी के अंतर्गत अमरकंठ की चोटी से होता है और पश्चिमी दिशा की ओर प्रवाहित होती हुई मध्य प्रदेश महाराष्ट्र गुजरात में बहने के पश्चात अरब सागर में जाकर समाप्त हो जाती है, मध्यप्रदेश का जबलपुर नगर इसी नदी के किनारे पर स्थित है तथा जबलपुर के निकट इसी नदी पर धुआंधार जलप्रपात धुआंधार तथा कपिल आधार जलप्रपात स्थित है,
नर्मदा नदी विंध्याचल पर्वत माला व सतपुरा पर्वत माला के मध्य से प्रवाहित होती हुई भ्रंश घाटी का निर्माण करती है इसकी कुल लंबाई 13 से 12 किलोमीटर है हिरण तवा छोटा तवा कुंडी नर्मदा की कुछ प्रमुख सहायक नदियां हैं,
ताप्ती नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Tapti River Origin/Drainage System)
इसका उद्गम मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मूल्य की पहाड़ियों से होता है यहां से मध्य प्रदेश के बैतूल नेपानगर बुरहानपुर नगरों से प्रवाहित होने के पश्चात महाराष्ट्र में गुजरात में प्रवाहित होती हुई अरब सागर में समाप्त हो जाती है गुजरात का सूरत नगर इसी नदी के किनारे पर स्थित है ताप्ती नदी पर गुजरात राज्य में उकाई जल विद्युत परियोजना व काकरापार परमाणु बिजली योजना निर्मित की गई है इसकी कुल लंबाई 724 किलोमीटर है मांडवी व जुआरी नदी गोवा राज्य की प्रमुख नदियां है दोनों इस चोरी का निर्माण करती है मांडवी नदी के किनारे पर गोवा राज्य का मार्मा गोवा बंदरगाह स्थित है
शरावती नदी उद्गम स्थान/अपवाह तंत्र (Sharavati River Origin/Drainage System)
यह कर्नाटक राज्य की प्रमुख नदी है कर्नाटक राज्य में शरावती नदी पर भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात जोग गरसोप्पा महात्मा गांधी जलप्रपात स्थित है यह भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात है जिसकी ऊंचाई 253 मीटर है केरल की जीवन रेखा भी इस नदी को ही कहा जाता है पीलिया नदी के किनारे पीरियल अभ्यारण स्थित है भरतपुर जल्दी केरल राज्य में सबसे लंबी नदी है इसका उद्गम अन्नामलाई की पहाड़ियों से होता है और अंत में पश्चिमी दिशा में प्रवाहित होती हुई अरब सागर में गिरती है,
Bharat Ke Apavaah Tantr Nadia Important Link
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें: यहां क्लिक करें
अन्य मोडेल टेस्ट | यहा क्लिक करे |
राजस्थान का जिला दर्शन | यहा क्लिक करे |
अन्य सरकारी नोकरी के बारे मे जानकारी | यहा क्लिक करे |
वेबसाइट का लिंक | यहा क्लिक करे |
अन्य जानकारी | यहा क्लिक करे |
भारत का हितिहास | यहा क्लिक करे |
हम से वाट्सप्प से जुड़े | यहा क्लिक करे |
FAQs.
नर्मदा नदी का उद्गम स्थान कहा से होता है।
नर्मदा नदी का उद्गम सतपुड़ा पर्वतमाला में महादेव व में काल श्रेणी के अंतर्गत अमरकंठ की चोटी से होता है और पश्चिमी दिशा की ओर प्रवाहित होती हुई मध्य प्रदेश महाराष्ट्र गुजरात में बहने के पश्चात अरब सागर में जाकर समाप्त हो जाती है,
अरब सागर के प्रवाह से निकलने वाली नदियां कॉनसी है।
अरब सागर के प्रवाह से निकलने वाली नदियां– नर्मदा नदी, शरावती नदी, ताप्ती नदी।