चंद्रयान 3 चाँद पर पहुचने से पहले दिया भारत को तोफा: Chandrayaan 3 Latest Update

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Chandrayaan 3 Latest Update: भारत का चंद्रयान 3 मिशन जो की चाँद पर भेजा गया है, जिन को जुलाई मे लॉन्च किया गया है, जो की चाँद पर जाकर चाँद की जमीन पे एक मानव की तरह काम करने वाला है जो की 22 से 23 अगस्त 2023 को चाँद पर उतरने वाला है, जो की अप चाँद की जमीन से 123 किलोमीटर दूरी पर चक्र लगा रहा है, और भारत की स्पेश अजेंसी (ISRO) के द्वारा लोच किया गया है।

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चंद्रयान 3 चाँद पर पहुचने से पहले दिया भारत को तोफा भारत का तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3, भारत की अंतरिक्ष यात्रा का अगला अध्याय शुरू करने जा रहा है। इस मिशन की सफलता से हमें चंद्रमा के बारे में और जानकारी मिलेगी। दुनिया में भारत और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नाम ऊंचा करेंगे। इसरो ने एक बार फिर अपनी क्षमता और समर्थन दिखाया है। Chandrayaan 3 Latest Update हमारे पास इस मिशन की कठिनाइयों और चुनौतियों को समझने का बेहतर तरीका होगा। हमें बताएं कि आप इस मिशन से कितने परिचित हैं।

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Chandrayaan 3 Latest Update

Chandrayaan 3 Latest Update से जुड़ी तमाम जानकारी नीचे इस आर्टिकल मे दी गई है, जहा से सभी जानकारी Chandrayaan 3 से जुड़ी है, जिन को देखे और समजे क्या है Chandrayaan 3 का मुख्य उदेश्य जिन के बारे मे जानकारी देखे।

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चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य क्या है

  • चांद पर लैंडर-रोवर को जारी करना है
  • चंद्रयान-3 का लॉन्च कब हुआ था?- 14 जुलाई, 2023
  • Q. चंद्रयान-3 मिशन के मुख्य उपकरण कौन से हैं?
  • Ans. लैंडर पोजीशन डिटेक्शन कैमरा
  • विक्रम और प्रज्ञान
  • प्रोपल्शन मॉड्यूल

Chandrayaan 3 की मोजूद स्थति क्या है

चंद्रयान-3 नवीनतम अपडेट: दुनिया भर के देशों की नजर भारतीय चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 पर है। चंद्रयान-3 को इसी साल 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

अब चंद्रयान-3 अपने मिशन के सबसे करीब पहुंच गया है. चंदा मामा से चंद्रयान-3 सिर्फ करीब 150 किमी दूर है. 16 अगस्त की सुबह, इसरो ने चंद्रमा की सतह से दूरी कम करने के लिए एक बार फिर कक्षा कम कर दी।

Chandrayaan 3 के द्वरा खिची गई तस्वीर

चंद्रयान-3 को 153 किमी x 163 किमी की पांचवीं कक्षा में स्थापित किया गया है। इस प्रक्रिया का नाम है पैंतरेबाज़ी. इसके तहत अंतरिक्ष यान के इंजनों का उपयोग करके उसे एक निश्चित तरीके से धकेला जाता है, जिससे उसका मार्ग अधिक गोलाकार हो जाता है। अब अंतरिक्ष यान सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी करेगा.

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17 अगस्त को प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग हो जाएंगे. लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होती है और अंतरिक्ष यान 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में पहुंच जाता है।

लैंडर पर लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर चंद्रमा की सतह तक जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग किया जाता है। इसकी सुरक्षित लैंडिंग के लिए सुरक्षा और नियंत्रण की आवश्यकता है।

चंद्रयान-3 ने किस चीज तस्वीर ली है?

 चंद्रमा की सतह की

चंद्रयान-3 का लैंडिंग किस तारीख को होनी है?

 23 अगस्त, 2023

चंद्रयान-3 मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

 लैंडर-रोवर को सुरक्षित सतह पर उतारना और रासायनिक विश्लेषण करना

चंद्रयान-3 के लैंडर ने चंद्रमा के नजदीक जाने के लिए पहली डीबूस्टिंग कब की थी?

 18 जुलाई 2023

चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की द्वितीय डीबूस्टिंग ऑपरेशन कब होगी?

 20 अगस्त 2023

चंद्रयान-3 के लैंडर चंद्रमा के किस इलाके में उतरेगा?

 दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र

चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर लैंडिंग से पहले चांद से कितना नजदीक होगा?

 24 किलोमीटर

चंद्रयान-3 का लॉन्च कब हुआ था?

14 जुलाई, 2023

चंद्रयान-3 मिशन के मुख्य उपकरण कौन से हैं?

लैंडर पोजीशन डिटेक्शन कैमरा, विक्रम और प्रज्ञान और प्रोपल्शन मॉड्यूल

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