प्रथ्वी की गति व प्रभाव Prthvee Kee Gati Wa Prabhaav Free PDF Download 2023 Earth’s Motion And Effects

Advertisement

प्रथ्वी की गति व प्रभाव, Prthvee Kee Gati Wa Prabhaav, Earth’s Motion And Effects, What Are The Three Effects Of Earth Rotation, What Are The 3 Types Of Motion Of The Earth, What Are The Effects Of Rotation, What Are The Two Movements Of The Earth, 5 Effects Of Earth Rotation, What Are The Effects Of The Earth’s Rotation, The Motion Of The Earth Around The Sun Is, What Are The Effects Of Earth Rotation Class 6, longitude lines

Advertisement

प्रथ्वी की गति व प्रभाव (Earth’s Motion And Effects) दोस्तों आज इस आर्टिकल के अंदर Earth’s Motion And Effects के बारे मे सभी जानकारी को बड़ी आसानी से देखने वाले है, जिन के अंदर की सभी जानकारी को आज सॉर्ट मे जाने का प्रियश किया गया है, जिन के लिए अभियार्थी इस आर्टिकर को पूरा पढे, Prthvee Kee Gati Wa Prabhaav को अच्छे से समजे ।

Advertisement

Earth’s Motion And Effects/ Prthvee Kee Gati Wa Prabhaav

Advertisement
Table of Contents
प्रथ्वी की गति व प्रभाव Earth's Motion And Effects
प्रथ्वी की गति व प्रभाव Earth’s Motion And Effects/Prthvee Kee Gati Wa Prabhaav
Advertisement

घूर्णन या परिभ्रमण Rotation Or Rotation

Rotation Or Rotation यह पृथ्वी की दैनिक गति है इसके कारण दिन-रात बनते हैं पृथ्वी अपनी धुरी पर 16 से 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकेंड में एक चक्कर पूरा करती है, Rotation Or Rotation इसी के कारण सभी आकाशीय पिंड हमें पूर्व से पश्चिम की ओर जाते दिखाई देते हैं पृथ्वी पर पवन समुद्री धाराओं की दिशाएं भी घूर्णन से निर्धारित होती है,

नक्षत्र दिवस Constellation Day

पृथ्वी के 360 डिग्री के घूर्णन में लगा समय जब पृथ्वी पर एक तारे के संदर्भ में प्रति पुणे अपने स्थान पर वापस आती है, Constellation Day मैं मापा जाता है नक्षत्र दिवस करते हैं इसकी अवधि 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड होती है,

सौर दिवस Solar Day

Solar Day जब एक निश्चित देशांतर रेखा पर सूर्य लगातार दो बार गुजरता है तो इसमें लगा समय सौर दिवस कहलाता है शोर दिवस की अवधि 24 घंटे होती है शोर दिवस नक्षत्र दिवस से 3 मिनट 56 सेकंड बड़ा होता है।

Advertisement

परिक्रमण गति( वार्षिक गति) Prthvee Kee Gati Wa Prabhaav

Prthvee Kee Gati Wa Prabhaav यह पृथ्वी की वार्षिक गति है इसके कारण रितु हुए बनती है पृथ्वी सूर्य के चारों ओर1, 07,160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 356 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकंड में एक चक्कर पूरा करती है परिक्रमण कहलाता है पृथ्वी की इसी गति के कारण तथा पृथ्वी का अपने अक्ष पर231/2 डिग्री जुकाम होने के कारण ही विभिन्न वित्तीय उत्पन्न होती है यह दिन व रात की अवधि में परिवर्तन होता है पृथ्वी की इसी गति के कारण सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण होते हैं,

सरकारी लेटेस्ट योजना
सरकारी नोकरी लेटेस्ट न्यूज
ड्रीम11 टीम केसे बनाए
आगनिवीर लेटेस्ट अपडेट
अन्य जानकारी

उपसौर क्या है What Is Subsaurus

सूर्य के चारों ओर भ्रमण करती हुई पृथ्वी एक बार निकटतम अवस्था में आ जाती है तो यह अवस्था उपसौर कहलाती है 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे निकट 14 करोड़ 70 लाख की होती है

अपसोर क्या है What Is Apsor

What Is Apsor जब पृथ्वी सूर्य से अधिकतम दूरी पर स्थित होती है, (Prthvee Kee Gati Wa Prabhaav) तो उसे अक्सर कहा जाता है यह 4 जुलाई को होता है अक्सर की अवस्था में पृथ्वी 15 करोड़ 20 लाख किमी की दूरी पड़ती है उपसौर और अपसौर की अवस्था में पृथ्वी और सूर्य की दूरी में 5000000 किलोमीटर का अंतर आता है पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा वृत्ताकार पथ परिक्रमा करती है।

उपसौर और अपसौर की अवस्था में पृथ्वी पर प्राप्त होने वाली ताप की मात्रा पर 7% का फर्क होता है संपूर्ण पृथ्वी पर 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन रात बराबर होते हैं इस अवस्था को विषुवत कहते हैं 21 मार्च बसंत विश्व तथा 23 सितंबर शरद विश्वत होता है 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत चमकता है तो कर्क संक्रांति कहते हैं या उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत रूप से चमकता है इसे मकर सक्रांति कहते हैं

पृथ्वी का भूमध्य रेखीय व्यास Earth’s Equatorial Diameter

Earth’s Equatorial Diameter:

  • पृथ्वी क भूमध्य रेखा व्यास-12757 किमी, 7927 मिल
  • पृथ्वी का द्रव्य व्यास 12714किमी, 7900मिल
  • पृथ्वी का आकार कैसा है ल्डवख गुलाब बुआ जोड़ पृथ्वी आकार
  • पृथ्वी का द्रव्यमान भूमध्य रेखा व्यास 27 किलोमीटर या 27 मेल कम है

अक्षांश रेखा latitude Line

भूमध्य रेखा से किसी स्थान की कौन है दूरी को अक्षांश कहते हैं भूमध्य रेखा से दुर्ग की ओर जाने पर अक्षांश के बीच की दूरी सम्मान रहती है दो अक्षांशों की बीच की दूरी कटिबंध कहलाती है और यह 111k में होती है तथा पृथ्वी पर सबसे बड़ा व्रत विषुवत वृत्त कहलाता है नक्श रेखाएं पूर्ण वक्त होती है उस समस्त अक्षांश रेखाएं काल्पनिक होती है तथा पृथ्वी पर पूर्व पश्चिम दिशा में खींची हुई मानी गई है भूमध्य रेखा सेम ध्रुव की ओर जाने पर आंसुओं का आकार घटा है, तथा धूरि समान रहती है पृथ्वी पर कुल 181 अट्ठारह माने गई है तथा सम्मान अक्षांशों को मिलाने वाली रेखाएं अक्षांश रेखाएं कहलाती है।

(90 उत्तर + 90 दक्षिणी + जीरो विषुवत रेखा= कुल 181) कुल 1 सांसदों की संख्या 181 है फ्लोर पर कुल 179 अक्षांश रेखाएं तथा मानचित्र पर 181 अक्षांश रेखाएं खींची जा सकती है

विषुवत वृत्त या भूमध्य रेखा Equator Or Meridian

Equator Or Meridian यह जीरो डिग्री अक्षांश रेखा है जो पृथ्वी पर सर्वाधिक है बड़ा वर्क बनाती है इसके उत्तर के सभी अक्षांश उत्तरी अक्षांश एवं दक्षिण के सभी अक्षांश दक्षिणी अक्षांश कहलाते हैं

कर्क रेखा Tropic of Cancer

Tropic of Cancer विषुवत रेखा से 231/2 डिग्री उत्तरी अक्षांश रेखा कर्क रेखा कहलाती है यह रेखा हमारे देश के लगभग मत दे गुजरात राजस्थान मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड पश्चिम बंगाल त्रिपुरा एवं मिजोरम 8 राज्यों से गुजरती है,

Tropic of Cancer:

  • मकर रेखा भूमध्य रेखा से 231/2 डिग्री दक्षिणी अक्षांश रेखा
  • आरक टिक व्रत 661) 2 डिग्री उत्तरी अक्षांश रेखा
  • अंटार्कटिक व्रत 661/2 डिग्री दक्षिणी अक्षांश रेखा
  • उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव 90 डिग्री उत्तरी अक्षांश को उत्तरी ध्रुव एवं 90 डिग्री दक्षिणी अक्षांश को दक्षिण धुर्वे कहते हैं

देशांतर रेखाएं longitude lines

longitude lines उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव को जोड़ने वाली समस्त काल्पनिक अर्धवृत्त आकार रेखाएं देशांतर रेखाएं कहलाती हैं देशांतर रेखाओं का आकार सम्मान होता है तथा भूमध्य रेखा से ध्रुव की ओर जाने पर इनके बीच की दूरी घटती है, (longitude lines) और दो देशांतर के बीच में सर्वाधिक दूरी भूमध्य रेखा पर 111 पॉइंट 32 किलोमीटर होती है तथा उनके बीच की न्यूनतम दूरी ध्रुवों पर घटकर सुनने हो जाती है, दो देशांतर के बीच की दूरी गोरे कहलाती है।

longitude lines किसी बिस्तान की प्रधान जीरो डिग्री देशांतर ग्रीनविच लंदन से पूर्व या पश्चिम की कोनी दूरी को उत्थान का देशांतर कहते हैं पृथ्वी पर कुल 360 दिशांतर रेखाएं मानी गई है भूमध्य रेखा पर देशांतर में सर्वाधिक दूरी 111 पॉइंट 32 किलोमीटर है, longitude lines अक्षांश व देशांतर रेखाओं के जाल को डिग्री कहते हैं, पृथ्वी को 360digrii घूमने में 24 घंटे का समय लगता है 360 डिग्री घूमने में पृथ्वी क्वेश्चन में लगता है 1440 मिनट 1 डिग्री घूमने में पृथ्वी को समय लगता है, 1440/360=4

longitude lines पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है 180 डिग्री देशांतर रेखा को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं, दो देशांतर के मध्य 4 मिनट समय का अंतर होता है देशांतर रेखाओं की लंबाई समान होती है पृथ्वी 360 देशांतर में से विभाजित की गई है इस की घूर्णन गति प्रति 4 मिनट में एक देशांतर है,

देशांतर तथा समय- एक देशांतर रेखा पर स्थित सभी स्थानों का स्थान इसमें एक ही होता है संपूर्ण पृथ्वी को 24:00 समय क्षेत्रों में बांटा गया रूस में सर्वाधिक 11 मानक समय है जबकि अमेरिका में 7 मानक समय है पृथ्वी का एक्सेस के कक्षा तल पर बने लम्शी 231/2 डिग्री झुका हुआ है

पृथ्वी के ताप कटिबंध Earth’s heat zones

पृथ्वी के निम्नलिखित ताप कटिबंध होते हैं जैसे उष्ण कटिबंध शीतोष्ण कटिबंध शीत कटिबंध

उष्ण कटिबंध Tropical Zone

Tropical Zone कर्कवृत्त और मकरवृत के बीच का क्षेत्र उष्ण कटिबंध कहलाता है यह सबसे अधिक गर्म क्षेत्र होता है क्षेत्र में तापमान जीरो डिग्री से 27 डिग्री NS होता है,

शीतोष्ण कटिबंध Tropical Zone

Tropical Zone उत्तरी गोलार्ध में कर्कवृत्त और आर्कटिक वृत्त के बीच तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर वर्ग और अंटार्कटिक वर्ग के बीच का क्षेत्र हेतु संकटी बंद कर लाता है यहां नए अधिक सर्दी होती है और ना अधिक गर्मी होती है यहां पर तापमान23/2 डिग्री से66 डिग्री तक होता है,

शीत कटिबंध Cold Zone

उत्तरी गोलार्ध में आर्थिक वर्ग और उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्ध में अंटार्कटिक व्रत और दक्षिणी ध्रुव के बीच का क्षेत्र शीत कटिबंध कहलाता है यहां सर्दी अत्यधिक होती है क्योंकि सूर्य की किरणें हमेशा बढ़ती है यहां पर तापमान 66.23/2 डिग्री से 90 डिग्री के मध्य होता है

चंद्र ग्रहण कब होता है When Does Lunar Eclipse Happen

When Does Lunar Eclipse Happen जब पृथ्वी चंद्रमा तथा सूर्य के बीच में आ जाती है तो चंद्रमा पर सूर्य का प्रकाश प्राप्त नहीं होता क्योंकि चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है यह अवस्था चंद्रग्रहण के नाम से जानी जाती है पूर्ण चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को ही होता है चंद्रमा का शत प्रतिशत हिस्सा पृथ्वी किस तरह से दिखाई देता है चंद्रमा का वह भाग जिसे हम नहीं देख सकते 41% होता है चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा 27 दिन 7 घंटे 30 मिनट 11 सेकंड में पूरा करता है प्रत्येक पूर्णिमा को चंद्रम

सूर्य ग्रहण कब होता है When Does The Solar Eclipse Happen

When Does The Solar Eclipse Happen जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा कितने पृथ्वी पर पड़ती है और सूर्य दिखाई नहीं देता है पूर्ण सूर्य ग्रहण अमावस्या को होता है एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 7 ग्रहण हो सकते हैं पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान कि जब सूर्य पूर्ण रूप से लग जाता है तो उसे अंधकार कॉल कहते हैं इसके उदित तुम 7 मिनट 40 सेकड की होती है,

पृथ्वी की संरचना केसी है What Is The Structure Of The Earth

सुरेश के अनुसार पृथ्वी की आंतरिक संरचना पृथ्वी का औसत घनत्व 555 इसके आंतकवाद की संरचना होती है जिनकी तीन परते होती है

भूपर्पटी केसी है How Is The Crust

How Is The Crust पृथ्वी की बाहरी परत 200 किमी तक मोटी होती है यह प्रति सिलीकेट पदार्थ सिलिका एलुमिनियम से निर्मित होती है इसलिए इसे सियाल भी कहते हैं, बार के अनुसार इस व्रत में सर्वाधिक आक्सीजन46.6% सिलिकॉन 2747 परसट एलुमिनियम 8 पॉइंट 1 प्रतिशत होती है तथा लोहा 5% पाया जाता है संपूर्ण पृथ्वी पर लोहा सर्वाधिक 35 पोर्ट 5% ऑक्सीजन 30% पाई जाती है,

मेंटल या परवाह Mantle Or Care

Mantle Or Care भूपर्पटी के नीचे दूसरी पर तो सिलिका या मैग्निशियम से निर्मित होती है इसे सीमा भी कहते हैं यह 100 से 2900 किमी तक विस्तृत है ज्वालामुखी में यहां से गर्म एवं तरल लावा निकलता है।

क्रोध या अंतरतम क्या है What Is Anger Or Innermost

What Is Anger Or Innermost पृथ्वी की केंद्रीय पनिकलम फिर से निर्मित होती है इसे कहते हैं इसका विस्तार गुण 2900 वर्षों से 6371 की मित्र का है इस परत का गंतव्य तापमान सर्वाधिक होता है लोहे की अधिकता के कारण ही पक्ष में चूर की शक्ति होती है।

सेल के प्रकार कितने प्रकार के होते है How Many Types Of Cell Are There

सेल या चट्टाने ने निम्न प्रकार की होती है, जिन के बारे मे अभियार्थी को नीचे सभी जानकारी दी गई है, अभियार्थी दी गई सभी जानकारी को बड़ी आसान से देख सकते है,

अग्नि चट्टान क्या है fire rock

इसेLgenous Rochs के नाम से भी जाना जाता है यह पृथ्वी के गर्भ में पिंगले पदार्थ के ठंडा होकर कठोर होने से बनती है, fire rock और इसे सबसे प्राचीन चट्टान भी कहते हैं इनमें जीवास अवशेष नहीं पाए जाते तथा इमेज चित्र नहीं होते हैं fire rock इसलिए यह दिल को हानि नहीं पहुंचाती है यह कठोर और अब हद होती है शेर जैसे ग्रेनाइट बेसाल्ट यह शेर बहुत ही कठोर है भारी होती है, fire rock इसका प्रयोग सड़क बनाने में किया जाता है सोना तांबा लोहा का दी मुलायम खनिज इसी सेल से प्राप्त होती है भारत का ढक्कन पत्थर बेसाल्ट अग्नि शैल से बना होता है।

अवसादी चट्टान कॉनसी है What is a Sedimentary Rock

इसेsedimentry Rocks कहलाती है, समुद्र के तल या भूभाग पर तो के रूप में जमा अवसाद जब अपने बाहर से या ऊपर से समुद्र के पानी के दार से कठोर हो जाती है तूने अवसादी चट्टान कहते हैं अवसादी चट्टान में जो आज से मिलते हैं इनमें छेद होते हैं, What is a Sedimentary Rock तथा जल को सौंप दी है चिकनी मिट्टी कोयला प्राकृतिक गैस पेट्रोल इमेज चट्टानों में पाए जाते हैं उदाहरण के लिए दिल्ली का लाल किला बलुआ पत्थर से बना हुआ है,

कायांतरित शैल चट्टान Metamorphic Rock

इसे metamorphic Rocks भी कहते हैं बेटा का अर्थ है परिवर्तन तथा मोर पिक का अर्थ अर्थ है आकृति इसलिए जब मौलिक सेल अधिक ऊष्मा और भारी दाब के प्रभाव से बदलकर नेहरू प्राप्त कर लेती है तो उसे कायांतरित चट्टान कहते हैं उदाहरण के लिए संगमरमर प्ले टेनिस आदि कोयला ग्रेफाइट में तथा ग्रेफाइट हीरे में बदल जाती है चुना पत्थर संगमरमर में बदल जाता है तथा चिकनी मिट्टी स्लेट पक्ष में बदल जाती है।

Prthvee Kee Gati Wa PrabhaavGiven Above
General Knowledge Of IndiaClick Here
Important QuestionClick Here
Science QuestionsClick Here
Join TelegramClick Here
Website LinkClick Here
Whatsapp LinkClick Here
Latest InformationClick Here
Daily Current AffairsClick Here

FAQs.

उपसौर क्या है।

सूर्य के चारों ओर भ्रमण करती हुई पृथ्वी एक बार निकटतम अवस्था में आ जाती है तो यह अवस्था उपसौर कहलाती है 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे निकट 14 करोड़ 70 लाख की होती है।

अग्नि चट्टान क्या है

यह पृथ्वी के गर्भ में पिंगले पदार्थ के ठंडा होकर कठोर होने से बनती है।

Advertisement

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
whatsapp Icon
Join Our Whatsapp Group