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Mahasaagariy Kee Pramukh Dhaara – दोस्तों इस विश्व मे कई महासागर पाए जाते है, जिन सभी की प्रमुख धराये भी पाई जाती है, जैसा की गर्म धराये, ठंडी धराये यदि इस प्रकार से कई धराये का वर्णन नीचे किए गया है, महसागरिय धराये क्या होती है (What are oceanic land)– महासागरों में सादरी इस तरह के जल के एक बड़ी मात्रा में निश्चित दिशा में प्रवाहित होने की गति को धाराएं कहते हैं तापमान के आधार पर इन्हें ठंडी एवं धाराओं में वर्गीकृत किया जाता है धाराओं की गति आकार एवं प्रवाह है, महसागरिए धाराओ का प्रकार (Types of ocean currents) – दिशा के आधार पर धाराएं तीन प्रकार की होती है,
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Mahasaagariy Kee Pramukh Dhaara

महसागरिय की धारा परवाह (Ocean Current Care)
जब सागर यह काजल प्रचलित पवन के प्रभाव में आगे बढ़ता है तो उसे प्रवाह कहते हैं इस गति इन सीमा निश्चित नहीं होती परंतु प्रवाह सदैव मंद गति वाली सदरी गति है जैसे उत्तरी प्रशांत प्रवाह है, दक्षिणी अंटार्कटिका प्रवाह है, आदि प्रकार से महसागरिय की धारा (Ocean Current Care) परवाह होती रहती है,
महसागरिय की धाराएं (Ocean Currents)
- जब सागर का जल एक निश्चित दिशा में निश्चित सीमा में तीव्र गति से अग्रसर होता है तो उसे द्वारा कहते हैं इसी गति प्रवाह से अधिक होती है जिससे क्यूरो शिवा की धारा के नाम से भी जाना जाता है,
महसागरिय की विशाल धारा (Vast Current Of The Ocean)
जब सागर ईस्ट है, कि विशाल जल राशि एक निश्चित दिशा में तेज गति से अग्रसर होती है, (Vast Current Of The Ocean) तो उसी विचारधारा कहते हैं इसकी गति प्रवाह इंदारा से अधिक होती है, जिसे गल्फ स्ट्रीम भी कहते है,
महसागरिय की सागरीय धाराओं के चलने के लिए उत्तरदाई कारक
- स्थाई या सनातनी हवाओं से
- सागरीय तापमान में अंतर से
- सागरीय लवणता में अंतर से
- पृथ्वी की परिभ्रमण गति से
- तटीय भूमि के स्वरूप से
महासागरीय धाराएं (Ocean Currents)
महासागरीय धाराएं (Ocean Currents) भूमध्य रेखा से ध्रुव की तरफ जाने वाली जलधाराएं गर्म होती है ध्रुवों में भूमध्य रेखा की ओर आने वाली जलधाराएं ठंडी होती है महाद्वीपों के पूर्व किनारों पर गर्म जल की धारा में बहती है जबकि पश्चिमी किनारों पर ठंडे जल की धारा में बहती है अपवाद स्वरूप दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी किनारे पर हम बोलते या पीरों की ठंडी धारा बहती है परंतु चार पांच साल बाद यही द्वारा गर्म होकर नीचे की ओर मुड़ जाती है इसे एल नीनो कहते है,
सारगैसो सागर- उत्तरी अंध महासागर (Ocean Currents) में गल्फ स्ट्रीम की गर्म धारा तथा लैब्राडोर और ब्रैंडलैंड की ठंडी धारण की मिलने से एक गुनगुने जल का सागर बनता है, जिसे सारगैसो सागर कहते हैं सारगैसो एक गांव का नाम है, जिसके नाम पर सारगैसो सागर का नामकरण किया गया है, सारगैसो में घना कोहरा पैदा होता है और यहां पर सारगैसो गांव प्रकटन नामक सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं,
मछलियों का प्रमुख भोजन है इसलिए यहां पर संसार में सबसे ज्यादा मछलियां पाई जाती है, और उसे ग्राउंड में के नाम से जाना जाता है ग्राउंड बैंक के नाम से जाना जाता है, उत्तरी अंध महासागर में शोर के सुख सागर से थोड़े से दक्षिण में बरमूडा त्रिकोण स्थित है, जिसके ऊपर से गुजरने वाली दिल्ली ज्ञान या वायुयान गायब हो जाती है इसलिए इसे रहस्यमई द्वीप के नाम से भी जाना जाता है इसका मुख्य कारण यहां चट्टानों में पाए जाने वाला चुंबकत्व है,
उत्तरी अंध महासागर की धाराएं (Northern Dark Ocean Currents)
उत्तरी अंध महासागर धाराओं की निम्नलिखित धाराएं पाई जाती हैं, जो की नीचे बताया गया है,
- उत्तरी अंध महासागर है भूमध्य रेखा गर्म जलधारा
- फ्लोरिडा की गर्म धारा
- गल्फ स्ट्रीम जलधारा(वश्व की सबसे तेज गति से बहने वाली धाराएं) यूरोप का गर्म कंबल
- पछुआ पवन प्रवाह है( वेस्ट विंड ड्रिफ्ट)
- नॉर्मो की गर्म धारा
- लैब्राडोर की ठंडी धारा
- ग्रीनलैंड की ठंडी धारा
- किन्नरी की ठंडी धारा
महासागर की प्रतिधारा (Counter Current)
उत्तरी अंध महासागर और दक्षिणी अंत महासागरीय धाराओं के बीच में सामने एक धारा चलती है जिसे प्रति द्वारा कहते हैं
दक्षिण अंध महासागर की धाराएं (South Dark Ocean Currents)
दक्षिण अंध महासागर की भी कई धराये पाई जाती है जो अभियार्थी मो नीचे सभी धार के बारे मे जानकारी दे दी गई है,
- एंड महासागरीय भूमध्य गर्म जलधारा S. A. E. C South atlantic Equvitorial current
- वेनेजुएला गर्म धारा
- ब्राजील के गर्म धारा
- पछुआ पवन प्रवाह की ठंडी दारा
- वेंगुर्ला की ठंडी धारा
हिंद महासागर की धाराएं (Indian Ocean Currents)
हिंद महासागर की निम्नलिखित धाराएं हैं जिससे उत्तरी हिंद महासागर की धाराएं तथा दक्षिणी हिंद महासागर की धाराएं
उत्तरी हिंद महासागर की धाराएं (North Indian Ocean currents)
उत्तरी हिंद महासागर की निम्नलिखित धराये इस प्रकार से दिखाया गया है, जो सभी आप के सामने नीचे बताया गया है,
महासागर का गर्शिमकलिन प्रवाह (Ocean’s Warm-Clean Current)
ग्रीष्म काल में उत्तरी हिंद महासागर में दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व की ओर हवाओं के प्रवाह में से महासागरीय धाराएं भी दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व की ओर बहने लगती है यह गर्म धारा है
शीतकालीन प्रवाह है (Winter Flow)
शीतकाल में भारत में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की और हवाएं चलती हैं जिनके कारण उत्तरी हिंद महासागर की धाराएं भी शीतकाल में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर से नहीं लगती है यह भी गरम धारा है
दक्षिणी हिंद महासागर की धाराएं (Southern Indian Ocean Currents)
दक्षिण हिंद महासागर की भी निम्नलिखित धाराएं हैं
- दक्षिण महासागरीय भूमध्य रेखा गर्म धारा
- मोजांबिक गर्म धारा
- मलागासी की गर्म धारा
- अगुलास की गरम धाराम
- पछुआ पवन प्रवाह है
- ऑस्ट्रेलिया की ठंडी धारा
उत्तरी प्रशांत महासागर की धाराएं (Currents Of The North Pacific Ocean)
- उत्तरी प्रशांत महासागरीय भूमध्य गर्म जल की धारा
- सुषमा जलधारा
- अलका की गर्म धारा
- कमचटका की ठंडी धारा
- टयूरल की ठंडी धार
दक्षिणी प्रशांत महासागरीय धाराएं (South Pacific Ocean Currents)
- दक्षिण प्रशांत महासागरीय भूमध्य गर्म धारा
- पूर्वी ऑस्ट्रेलिया की गर्म धारा
- पछुआ पवन प्रवाह है
- पैरों की ठंडी धारआ
- प्रशांत महासागरीय प्रति विष उतरे के गर्म धारा
शिशु ईसा धार (Baby Jesus Edge)
दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी किनारे पर पीरु के तट पर एक ठंडे जल की धारा बहती है जो पीरु धारा के नाम से जानी जाती है 3 या 4 साल के बाद 25 दिसंबर के आसपास पीरु की धारा गर्म होकर नीचे की ओर मुड़ जाती है यह अलनीनो कहलाती है जो गर्म जल की धारा होती है यह स्थिति क्रिसमस के दिन के निकट उत्पन्न होती है इसलिए है शीशा द्वारा भी कहते हैं
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FAQs.
Q. महसागरिय की सागरीय धाराओं के चलने के लिए उत्तरदाई कारक कॉन्से है?
उतर- स्थाई या सनातनी हवाओं से, सागरीय तापमान में अंतर से,सागरीय लवणता में अंतर से, पृथ्वी की परिभ्रमण गति से,तटीय भूमि के स्वरूप से है।
Q. उत्तरी प्रशांत महासागर की धाराएं कॉनसी है?
उतर- उत्तरी प्रशांत महासागरीय भूमध्य गर्म जल की धारा और सभी ऊपर दी गई है।
Q. महसागरिय की सागरीय धाराओं के चलने के लिए उत्तरदाई कारक कॉन्से है।
- स्थाई या सनातनी हवाओं से
- सागरीय तापमान में अंतर से
- सागरीय लवणता में अंतर से
- पृथ्वी की परिभ्रमण गति से
- तटीय भूमि के स्वरूप से