भरतपुर जिले के पूरा इतिहास Rajsthan Jeela Darshan Bhartpur

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Rajsthan Jeela Darshan Bhartpur

Rajsthan Jeela Darshan Bhartpur
Rajsthan Jeela Darshan Bhartpur

 राजस्थान का प्रवेश द्वार पूर्वी द्वार (Bhartpur)

Rajsthan Jeela Darshan Bhartpur भरतपुर शहर जाट महाराजा सूरजमल द्वारा सन 1733 में बसाया गया चौथी पांचवी सदी में भरतपुर धौलपुर का क्षेत्र शूरसेन जनपद का हिस्सा था Rajsthan Jeela Darshan Bhartpur भरतपुर राजस्थान की पहली जाट रियासत थी जिसकी स्थापना जाट सरदार धामण ने औरंगजेब की मृत्यु के बाद के समय में  थुन में दुर्ग बनवाकर की थी। 

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  • भरतपुर जिले का कुल क्षेत्रफल 5066 वर्ग किलोमीटर है
  • इस जिले की सीमा उत्तर में मेवात जिला पूर्व में मथुरा जिला दक्षिण में धौलपुर करौली जिला आगरा तथा पश्चिम में दोसा व अलवर जिले से मिलती है
  • यह राज्य का सातवां संभाग है तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल राज्य का अलवर के बाद दूसरा जिला है
  • रूपारेल गंभीर मुकुंद बाणगंगा यहां की मुख्य नदियां है
  • मोतीझील वे केवलादेव जिला भरतपुर की मुख्य जिले हैं
  • भरतपुर वनस्पति उद्योग के लिए प्रसिद्ध है

भरतपुर जिले के प्रमुख मेले (Jeela Bhartpur)

Rajsthan Jeela Darshan Bhartpur बसंत पशु मेला गंगा दशहरा मेला बजरंग पशु मेला जवाहर प्रदर्शनी व ब्रज यात्रा मेला, जसवंत पशु मेला गरुड़ मेला ब्रज महोत्सव भोजन भारी भोजन की थाली परिक्रमा। 

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भरतपुर जिले में प्रमुख मंदिर (Jeela Bhartpur)

  • गंगा मंदिर:- यह मंदिर भरतपुर रियासत के शासक महाराजा बलवंत सिंह नेशन 1846 ने बनवाया ना प्रारंभ किया था यह मंदिर बस्सी पहाड़पुर के लाल पत्थरों से निर्मित है इस बार है ग्रीन मां गंगा मंदिर के 2 मंजिल इमारत 84 खंभों पर टिकी हुई है मंदिर की इमारत का सामने का हिस्सा मुगल शैली पर तथा पीछे की तरफ का हिसाब बोध शैली में निर्मित प्रतीत होता है
  • इसके पश्चात इस इमारत में 12 फरवरी 1937 को महाराजा बलवंत सिंह ने वस महाराजा बृजेंद्र सिंह ने गंगा की सुंदर मूर्ति प्रतिमा करवाई इस मूर्ति का मुंह पर किले के चौक गुरुद्वारा की तरफ उत्तर दिशा में है जिसे महाराजा और महारानी गंगा जी के दर्शन अपने महलों से भी कर सकते हैं मंदिर में गंगा मैया के वाहन मगरमच्छ की विशाल मूर्ति पर विराजमान है
  • जामा मस्जिद, उषा मंदिर बयाना लक्ष्मण मंदिर दंडार वाले हनुमान जी का मंदिर

भरतपुर जिले के पर्यटन स्थल (Jeela Bhartpur)

Rajsthan Jeela Darshan Bhartpur भरतपुर जिले के सभी परिएटन स्थल दरसनिया स्थल के बारे मे नीचे सभी का वर्णन किया गया है, लोहागढ़ दुर्ग, जवाहर बुर्ज, केवलादेव घना पक्षी अभयारण्य, भरतपुर संग्रहालय, खानवा भरतपुर, डीग भरतपुर, डीग के भवन Rajsthan Jeela Darshan Bhartpur आदि के बारे मे बताया गया है, अभियार्थी इसे पढे और देखे सभी की जानकारी और भी दी गई है।

  • लोहागढ़ दुर्ग:– राजा सूरजमल जाट द्वारा निर्मित भीम का दुर्ग जिसके चारों ओर पानी की चूड़ खाई है इसमें सुजान गंगा नहर द्वारा मोती झील का पानी आता है
  • जवाहर बुर्ज:- भरतपुर किले के उत्तर-पश्चिम में जवाहर बुर्ज ऐतिहासिक स्थल है जहां से जवाहर सिंह ने दिल्ली पर चढ़ाई के लिए गया था दिल्ली विजय की याद में बनाए रखने के लिए उन्होंने 1765 में किले में इसी स्थल पर एक विजय स्तंभ बनवाया था
  • केवलादेव घना पक्षी अभयारण्य:- विश्व प्रसिद्ध पक्षी अभयारण्य साइबेरियन सास के लिए प्रसिद्ध है 1982 में ऐसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया यूनेस्को की विश्व प्राकृतिक धरोहर सूची में 1985 में शामिल किया
  • भरतपुर संग्रहालय:- यह लोहागढ़ दुर्ग में कचहरी किल्ला भवन में स्थित है जिसका उद्घाटन 11 नवंबर 1944 को किया गया कचेरी कला भवन महाराजा बलवंत सिंह के सन में निर्मित किया गया बयाना रूपवास बयाना दुर्ग,
  • खानवा भरतपुर:- गंभीरी नदी के शांत तट पर स्थित खानवा भरतपुर से लगभग 32 किलोमीटर पूर्व में रूपवास तहसील में है यहां बाबर एवं मेवाड़ के महाराणा सांगा के मध्य 17 मार्च 1527 को महासंग्राम खानवा का युद्ध हुआ था
  • जैसलमेर बाबर विजय हुआ तथा भारत में मुगल साम्राज्य स्थापित हो गया यहीं पर बलराम रेवती तथा चक्रधर दो भुजा वाले विष्णु की विशाल मूर्तियां भी विराजमान है
  • सीकरी बांध नगला जहाज महाराजा सूरजमल का पैनोरमा तथा महाराजा सांगा का स्मारक एवं पैनोरमा भी भरतपुर जिले में स्थित है
  • डीग भरतपुर:- डीग भरतपुर की प्राचीन राजधानी रहा है यह कस्बा भव्य जल महलों के लिए प्रसिद्ध है डिग को जल महलों की नगरी भी कहते हैं अधिकांश महिला वंशी पहाड़पुर के बादामी रंग में बलुआ

पत्थर से 1755 और 1763 के बीच महाराजा सूरजमल एवं जवाहर सिंह द्वारा बनाए गए हैं बिग के भवनों के विन्यास का केंद्र इसका वर्गाकार उद्यान है जिसके चार भुजाओं पर 4 इमारतें खड़ी है तथा पूर्वी पश्चिमी पृष्ठभूमि के रूप सागर तथा गोपाल सागर नामक विशाल सरोवर है

पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण के कर्म न केवल भवन गोपाल भवन नंद भवन तथा किस्सन भवन की अब तक की है गोपाल भवन के अनुरूप के रूप में उत्तरी व दक्षिणी छोर पर सावन तथा भादो भवन स्थित है समूह के अन्य इमारतों में उद्यन के दक्षिण पश्चिमी कोने पर स्थित था किसान भवन से लगा हुआ सूरज भवन तथा हरदेव भवन है

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उत्तरी छोर पर स्थित सिन्हा पोल मुख्य प्रवेश द्वार है इसके अतिरिक्त दो अन्य प्रवेश द्वार नंगा द्वारा सूरज द्वार है जो दक्षिण पश्चिम उत्तर पूरी कोने पर स्थित है

डीग के भवन:-गोपाल भवन- अपनी विशालता सटीक स्थिति उत्कृष्ट वह वास्तुशिल्प के कारण गोपाल भवन दीपका सर्वोत्तम भवन है गोपाल भवन के पीछे रानी बाग है गोपाल भवन गोपाल सागर झील में स्थित है

सूरज भवन:- डबल संगमरमर के इस सुंदर भवन का नामकरण निर्माण सूरजमल के नाम पर किया गया इस भवन में संगमरमर की पट्टी का ऊपर मुगल शिल्पी द्वारा पत्र देवराज शैली ने पौधे भवन की सुंदरता को बढ़ावा देता है

हरदेव भवन:- सूरज भवन के ठीक पीछे स्थित आकर्षक उधानी युक्त भवन है

किस्सन भवन:- यह परिसर के दक्षिण भाग में स्थित है इस भवन के मेहरबा हरबक्श शैली के अलंकरण से पूर्ण सुसज्जित है

केशव भवन:- बारादरी के नाम से ज्ञात इस भवन के एक और रूप सागर है

नंद भवन:- यह आयताकार भवन एक पक्ष से ग्रह है कि बनती है

केंद्रीय उद्यन:– परिसर के ठीक केंद्र में स्थित उद्यान चारबाग पद्धति पर बना है जो जोड़ का चिन्ह बनाती चार नहरों उनके कटान पर स्थित एक अष्टभुजा ताल से परिपूर्ण है

पुराना महल:- रूप सागर के दक्षिण में एवं डीग भवन परिसर से बिल्कुल लगता हुआ यह पुराना महल जो सत्ता पत्ता सौंदर्य के कारण महत्वपूर्ण है

महत्वपूर्ण तथ्य (Jeela Bhartpur)

  • भरतपुर अंचल में प्रदर्शनकारी कलाओं में नौटंकी भूतनी मुर्गे जिकड़ी और लंगुरिया की प्रधानता है होली के दिन पंचांग से लेकर अष्टमी तक भरतपुर जिले के ग्रामीण अंचलों में मुर्गे का आयोजन किया जाता है
  • इसमें शिव और शक्ति महिमा का गायन किया जाता है जिकड़ी में ऐतिहासिक आखियाना तथा राजा महाराजाओं तथा वीर की विरुदावली गाई जाती है जिसके कथन में विरासत की प्रधानता होती है यह मेले एम त्योहार अथवा दंगल ऊपर आयोजित होता है
  • बंसी पहाड़पुर में उत्तम किस्म का लाल रंग का इमारती पत्थर मिलता है
  • 18 सो 4 के युद्ध में अंग्रेज सेना भरतपुर के किले को नहीं जीत सके

राजस्थान जिला दरसन

अन्य 

साथियो मेने आपको इस आर्टिकल के माद्यम से आपको राजस्थान के जिला दर्शन में आज आपको भरतपुर जिले के बारे में आपको बताया गटा है और आपने पढ़ा भी होगा की

इस राजस्थान की पवन भूमि में अनेक राजा महाराजाओ का आपने इतिहास तो पढ़ा होगा उनमे से कुछ ऐसे योद्धा जो राजस्थान से भी विलोम करते हे

महत्व पूर्ण प्रश्न ऑब्जेक्टिव 

राजस्थान का सिंह द्वार किसे कहा गया है

भरतपुर को

भरतपुर जिले का कुल क्षेत्रफल 5066 वर्ग किलोमीटर

राजस्थान नई भर्ती आधिकारिक वेबसाइट rsmssb.rajasthan.gov.in

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